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पुदीना - घर-घर में पाया जाने वाला औषधीय पौधा



गर्मी में पुदीना खाने का टेस्ट बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि ये एक बहुत अच्छी औषधि भी है साथ ही इसका सबसे बड़ा गुण यह है कि पुदीने का पौधा कहीं भी किसी भी जमीन, यहां तक कि गमले में भी आसानी से उग जाता है। यह गर्मी झेलने की शक्ति रखता है। इसे किसी भी उर्वरक की आवश्यकता नहीं पडती है। यह भारत में सर्वत्र लगाया जाता है। थोड़ी सी मिट्टी और पानी इसके विकास के लिए पर्याप्त है। पुदीना को किसी भी समय उगाया जा सकता है। इसकी पत्तियों को ताजा तथा सुखाकर प्रयोग में लाया जा सकता है।
ताजा हरा पुदीना अधिक गुणकारी व विटामिन 'ए' से भरपूर होता है। पुदीने का अर्क या सत विशेष तौर पर औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पुदीना कटु, उष्ण वीर्य, दीपन, रोचक, पाचक तथा कफ, वायु, उल्टी, पेटदर्द, आफरा और कृमि का नाशक है। इसका वातनाशक धर्म बहुत मूल्यवान है। यूनानी मत के अनुसार पुदीना आमाशय को शक्ति देने वाला, पसीना लाने में सहायक बताया गया है। गर्भाशय को उत्तेजित करनेवाला गुण भी इसमें होता है। यह मासिक धर्म के अवरोध को दूर कर देता है। मासिक धर्म समय पर न आने पर पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से सेवन करने पर लाभ मिलता है।  



पुदीने के लाभ :

मुंहासे दूर करता है
- हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें।
- कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरा निखर जाएगा।
पुदीने की पत्तियों को पीस कर लेप करने से, भाप लेने से, मुहांसे, चेहरे की झाइयों और दागों में लाभ होता है। 
- हरे -पुदीने की 20-25 पत्तियां, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।

श्वांस संबंधी परेशानियों में रामबाण
- एक चम्मच पुदीने का रस, दो चम्मच सिरका और एक चम्मच गाजर का रस एकसाथ मिलाकर पीने से श्वास संबंधी विकार दूर होते हैं।

-पुदीने में फेफड़ों में जमा हुए बलगम को छांट-छांट कर शरीर से बाहर कर देने का विलक्षण गुण पाया जाता है। इसी कारण कफ से होने वाली खांसी, हिचकी एवं दमा को यह दूर करता है। पुदीने को सुखाकर, बारीक कपड़छन चूर्ण तैयार कर लें। यह चूर्ण एक चाय चम्मच भर मात्रा में दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करें। पुदीने का अर्क इन रोगों पर विशेष प्रभावी है। 


कैंसर में भी है उपयोगी
- एक रिसर्च से पता चला है कि यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में लाभकारी है ।


पुदीने के कुछ अन्य अनुप्रयोग

-  हैजे में अजवायन का सत्व एवं पुदीने का अर्क देते रहने से रोगी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। पानी की कमी (डीहाइड्रेशन) की घातक अवस्था से बचाने के लिये भी पुदीना लाभकारी है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएँ।
- अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।

-पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती है।  -
- प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है। 

-  बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।
 -दस ग्राम पुदीना व बीस ग्राम गुड़ दो सौ ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
-पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर्म चाय की तरह पीने से बुखार दूर होकर बुखार के कारण आई निर्बलता भी दूर होती है।




 -पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से अतिसार सें राहत मिलती है।
- तलवे में गर्मी के कारण आग पड़ने पर पुदीने का रस लगाना लाभकारी होता है।
- पुदीने का सत निकालकर साबुन के पानी में घोलकर सिर पर डालें। 15-20 मिनट तक सिर में लगा रहने दें। बाद में सिर को जल से धो लें। दो-तीन बार इस प्रयोग को करने से बालों में पड़ गई जुएँ मर जाएँगी।
- पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है। 

-पुदीने और सौंठ का क्वाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाले बुखार में राहत मिलती है। 
- पेट में अचानक दर्द उठता हो तो अदरक और पुदीने के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करे।
-अधिक गर्मी या उमस के मौसम में जी मिचलाए तो एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।
 - नकसीर आने पर प्याज और पुदीने का रस मिलाकर नाक में डाल देने से नकसीर के रोगियों को बहुत लाभ होता है।
-बुखार से पीडि़त को यदि बार-बार प्यास लग रही हो तो, पुदीने का रस तात्कालिक रूप से रोगी को पिलाएं। इससे प्यास तो बुझेगी ही, साथ ही शारीरिक गरमी से भी मुक्ति मिलेगी।
-पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है।
-यदि आपको टॉंसिल की शिकायत रहती है, जिनमें अक्सर सूजन हो जाती हो तो ऐसे में पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर गरारा करना चाहिए।
-गर्मियों में पुदीने की चटनी तथा प्याज का नित्य सेवन करने से लू-लगने की आशंका से मुक्ति मिल जाती है। 
 - सलाद में इसका उपयोग स्वास्थ्यवर्धक है। प्रतिदिन इसकी पत्ती चबाई जाए तो दुत क्षय, मसूडों से रक्त निकलना, पायरिया आदि रोग कम हो जाते हैं। यह एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है और दांतों तथा मसूडों को जरूरी पोषक तत्व पहुंचाता है। एक गिलास पानी में पुदीने की चार पत्तियों को उबालें। ठंडा होने पर फ्रिज में रख दें। इस पानी से कुल्ला करने पर मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।

- एक टब में पानी भरकर उसमें कुछ बूंद पुदीने का तेल डालकर यदि उसमें पैर रखे जाएं तो थकान से राहत मिलती है और बिवाइयों के लिए बहुत लाभकारी है।पानी में नींबू का रस, पुदीना और काला नमक मिलाकर पीने से मलेरिया के बुखार में राहत मिलती है। इसके अलावा हकलाहट दूर करने के लिए पुदीने की पत्तियों में काली मिर्च पीस लें तथा सुबह शाम एक चम्मच सेवन करें।पुदीने की चाय में दो चुटकी नमक मिलाकर पीने से खांसी में लाभ मिलता है। हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।

- हरे पुदीने की 20-25 पत्तियां, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है। इतना ही नहीं अधिक गर्मी या उमस के मौसम में जी मिचलाए तो एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।

- पुदीने का ताजा रस शहद के साथ सेवन करने से ज्वर दूर हो जाता है तथा न्यूमोनिया से होने वाले विकार भी नष्ट हो जाते हैं। पेट में अचानक दर्द उठता हो तो अदरक और पुदीने के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। नकसीर आने पर प्याज और पुदीने का रस मिलाकर नाक में डाल देने से नकसीर के रोगियों को बहुत लाभ होता है। 

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